उत्तरकाशी, फ्रंटपेज न्यूज़
🗓️ उत्तराखंड में मानसून ने आज एक बार फिर अपनी विनाशकारी ताक़त दिखाई। उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार दोपहर भीषण बादल फटने की घटना सामने आई, जिसने पूरे क्षेत्र को बर्बादी के कगार पर ला खड़ा किया। खीर गाड़ नदी के किनारे बसे इस पर्यटन स्थल में महज़ 30 सेकेंड के भीतर बाजार और रिहायशी इलाका पानी में समा गया।
🏚️ तिनके की तरह बह गए दर्जनों घर
बादल फटने के तुरंत बाद आई बाढ़ और मलबे के तेज बहाव ने दर्जनों मकानों, होटलों और होमस्टे को जड़ से उखाड़ फेंका। चश्मदीदों के अनुसार, पूरा इलाका ऐसा लगा जैसे कोई जलप्रलय आ गया हो। अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 50 से 60 लोग लापता बताए जा रहे हैं।

🛑 युद्धस्तर पर राहत व बचाव अभियान
⚠️ जैसे ही घटना की सूचना मिली, पुलिस, एसडीआरएफ, सेना और एनडीआरएफ की टीमें तुरंत धराली गांव की ओर रवाना हो गईं। राहत एवं बचाव कार्यों में कोई कसर न रहे, इसके लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं कि बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाया जाए।
🗣️ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री से बात कर केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन भी दिया है।
🧭 खीर गाड़ नदी बनी मौत की धारा
बादल फटने के कारण खीर गाड़ नदी में अचानक आए उफान ने पूरे बाजार क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। गंगोत्री धाम की यात्रा में अहम माने जाने वाले धराली गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क भी टूट गया है। इसके चलते गंगोत्री यात्रा भी प्रभावित हुई है।

🌧️ हिमाचल भी बेहाल, पहाड़ी राज्यों में छाई त्रासदी
उत्तराखंड के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश भी लगातार भारी बारिश और भूस्खलन से जूझ रहा है। शिमला, मंडी, कुल्लू और सिरमौर जिलों में हालात बेहद खराब हैं। कई पुल और सड़कें बह चुकी हैं, जबकि कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है।
🌄 पहाड़ अब थक चुके हैं — पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पूरा हिमालयी क्षेत्र आपदा की चपेट में है और अब इस दिशा में राष्ट्रीय रणनीति की आवश्यकता है। लगातार बढ़ती घटनाएं इस बात की चेतावनी हैं कि प्राकृतिक सहनशक्ति की सीमाएं टूट रही हैं।
📢 प्रशासन की चेतावनी: नदी-नालों से रहें दूर, सतर्क रहें
उत्तरकाशी प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों से दूर रहें और किसी भी स्थिति में लापरवाही न बरतें। इलाके में फिलहाल मौसम की स्थिति गंभीर बनी हुई है और अगले 24 घंटे बेहद संवेदनशील माने जा रहे हैं।




























