गुशेनी/बंजार (फ्रंट पेज न्यूज़)
कुल्लू जिला के उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी एक बार फिर खेल जगत में चमकी है। ग्राम पंचायत शर्ची के बांदल गांव के युवा रविंद्र कुमार, पुत्र केशव राम, ने अपनी मेहनत और खेल प्रतिभा के दम पर बड़ा मुकाम हासिल किया है। रविंद्र कुमार ने हाल ही में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) से वॉलीबॉल कोचिंग का छह हफ्ते का कोर्स सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह प्रशिक्षण उन्होंने मई-जून 2025 सत्र में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स, बेंगलुरु (Southern Centre) से लिया।

गांव से निकलकर राष्ट्रीय स्तर तक का सफर
वर्तमान में सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (जी.एस.एस.एस.) गुशेनी में बतौर शारीरिक शिक्षा अध्यापक (पीटीआई) सेवाएं दे रहे रविंद्र कुमार बचपन से ही वॉलीबॉल खेल के प्रति जुनूनी रहे हैं। उन्होंने छात्र जीवन में भी लगातार वॉलीबॉल खेला और बाद में कोचिंग की राह चुनी। रविंद्र कई बार हिमाचल वॉलीबॉल स्कूल टीम के साथ राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में बतौर कोच अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनके मार्गदर्शन में हिमाचल टीम ने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई जीत दर्ज की हैं।
अब वह तीर्थन घाटी से पहले ऐसे युवा बन गए हैं, जिन्हें भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) से मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय स्तरीय कोच बनने का गौरव मिला है।
परिवार और गुरुजनों को दिया श्रेय
अपनी इस सफलता पर रविंद्र कुमार ने कहा कि यह उपलब्धि उनके माता-पिता, गुरुजनों और प्रशिक्षकों की आशीर्वाद व मार्गदर्शन के बिना संभव नहीं थी। उन्होंने खासतौर पर अपने पिता केशव राम और क्षेत्र के शिक्षकों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया।
तीर्थन घाटी से निकलीं लगातार खेल प्रतिभाएँ
दिलचस्प बात यह है कि इसी गांव की बेटी मोरमा भारती ने हाल ही में FIVB कोचिंग कोर्स पास करके अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त महिला वॉलीबॉल कोच बनकर क्षेत्र का नाम रोशन किया था। अब रविंद्र कुमार की यह उपलब्धि तीर्थन घाटी को वॉलीबॉल का नया गढ़ साबित कर रही है।
युवाओं के लिए प्रेरणा
रविंद्र कुमार ने क्षेत्र के युवाओं से नशे से दूर रहने और खेलों की ओर आकर्षित होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि खेल न केवल शारीरिक और मानसिक विकास करता है, बल्कि जीवन में अनुशासन और आत्मविश्वास भी लाता है।
क्षेत्र में खुशी की लहर
रविंद्र कुमार की इस उपलब्धि से ग्राम पंचायत शर्ची, बांदल गांव, गुशेनी और पूरी तीर्थन घाटी में खुशी की लहर है। खेल प्रेमी और स्थानीय युवा मानते हैं कि अब घाटी में वॉलीबॉल को नई पहचान मिलेगी और आने वाले समय में और भी प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकेंगी।




























