सरकाघाट। (धर्मपुर)
ललाणा क्लस्टर में लहलहा रही मौसम्बी की फसल, खुशहाली की नई मिसाल

हिमाचल प्रदेश में बागवानी अब केवल एक खेती नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुकी है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बागवानी को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। वित्त वर्ष 2025-26 में हिमाचल प्रदेश उपोष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई एवं मूल्यवर्द्धन (एचपी शिवा) परियोजना के तहत 100 करोड़ रुपये का प्रावधान इसी दिशा में उठाया गया कदम है।

धर्मपुर के ललाणा क्लस्टर की मिसाल
मंडी जिला के धर्मपुर उपमंडल के अंतर्गत ललाणा क्लस्टर में आज किसानों की मेहनत और सरकार की योजना ने मिलकर एक नई कहानी लिखी है। पांच हैक्टेयर क्षेत्र में फैले इस क्लस्टर में अब मौसम्बी की फसल लहलहा रही है। किसान अब तैयार फल को बाजार भेजने में जुट गए हैं।
यहां ब्लड रेड और जाफ़ा प्रजाति के लगभग 4700 पौधे रोपे गए हैं। किसानों की एकजुटता और संगठन के लिए कम्यूनिटी हॉर्टिकल्चर प्रोडक्शन मार्केटिंग एसोसिएशन तथा वाटर यूजर एसोसिएशन का गठन किया गया है।

किसानों की जुबानी — “मेहनत रंग ला रही है”
अमर सिंह, जो एसोसिएशन के उप प्रधान हैं, बताते हैं —
> “करीब चार साल पहले बागवानी विभाग ने एफएलडी के रूप में मौसम्बी की शुरुआत की थी। आज 41 किसान इससे जुड़े हैं। विभाग ने भूमि विकास, ड्रिप सिंचाई, सोलर बाड़बंदी, और उठाऊ सिंचाई योजना जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं। करीब 50 हजार लीटर क्षमता वाला पानी का टैंक भी बनाया गया है।”
अमर सिंह के अनुसार उनके 200 पौधों से प्रति पौधा 50–60 किलो मौसम्बी उत्पादन की उम्मीद है।
इसी तरह अच्छर सिंह और रमेश चंद कहते हैं —

> “ब्लड रेड और जाफ़ा किस्म का स्वाद मीठा है और रस भी अधिक है। इस बार हमें 35 से 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से अच्छा भाव मिल रहा है। पहली खेप की 20 क्विंटल मौसम्बी रिलायंस स्टोर राजपुरा को भेजी गई है।”
तकनीक और प्रबंधन की अहम भूमिका
बागवानी विभाग धर्मपुर ने किसानों के मार्गदर्शन के लिए फैसिलिटेटर, क्लस्टर इंचार्ज और फील्ड ऑपरेटर तैनात किए हैं। इससे किसानों को हर चरण में तकनीकी सहायता मिल रही है।
युवाओं के लिए प्रेरणा
परियोजना ने युवाओं के लिए भी नए अवसर खोले हैं। अब स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और आत्मनिर्भरता दोनों संभव हो रही हैं।
डॉ. अनिल ठाकुर, विषयवाद् विशेषज्ञ (बागवानी) धर्मपुर बताते हैं —
> “जिला मंडी में 63 क्लस्टर एचपी शिवा परियोजना के तहत बनाए गए हैं। इनमें मौसम्बी, अमरूद और लीची की खेती को प्रोत्साहन दिया गया है। लगभग 250 हैक्टेयर भूमि कवर की गई है, जिससे 1500 किसानों की आय में निरंतर वृद्धि हो रही है। विभाग किसानों को मार्केटिंग की भी पूरी सुविधा दे रहा है।”




























