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हरियाली तीज 2025: प्रेम, भक्ति और सौभाग्य का हरा उत्सव – जानिए व्रत विधि, नियम और धार्मिक महत्व

On: July 25, 2025 12:38 AM
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तारीख: 27 जुलाई 2025 (रविवार)
शुभ योग: रवि योग में होगी हरियाली तीज – व्रत का फल होगा कई गुना अधिक शुभ

हरियाली तीज, हिंदू धर्म का एक पावन पर्व है जो भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य मिलन की स्मृति में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत श्रद्धा और सौभाग्य का प्रतीक होता है। सावन की हरियाली से सजे इस त्योहार में महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और पति की लंबी आयु, प्रेम और वैवाहिक सुख की कामना करती हैं।

इस वर्ष हरियाली तीज और भी विशेष बन गई है क्योंकि ज्योतिषाचार्य डॉ. सुभाष चौबे के अनुसार इस दिन ‘रवि योग’ का संयोग बन रहा है, जो किसी भी धार्मिक कार्य को अत्यधिक फलदायी बना देता है।

हरियाली तीज 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

तिथि आरंभ: 26 जुलाई शनिवार, रात 10:41 बजे

तिथि समाप्त: 27 जुलाई रविवार, रात 10:41 बजे

व्रत व पूजा की तिथि: 27 जुलाई (उदय तिथि के अनुसार)

विशेष योग: रवि योग

धार्मिक मान्यता: माँ पार्वती का अखंड सौभाग्य व्रत

यह पर्व उस दिन का प्रतीक है जब माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए वर्षों की तपस्या पूरी की थी और अंततः शिव ने उन्हें स्वीकार किया। हरियाली तीज का व्रत माता पार्वती के उस प्रेम, त्याग और समर्पण की स्मृति है, जो हर नारी के हृदय में जीवित रहती है।

मां पार्वती का श्रृंगार – 16 शृंगार की विशेष भूमिका

हरियाली तीज पर माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करना अति पुण्यकारी माना गया है। विशेष श्रृंगार सामग्री में शामिल होती हैं:

हरी साड़ी / चुनरी, सिंदूर, चूड़ियां, बिंदी, कंघी, काजल, बिछुआ, कुमकुम, मेंहदी, दर्पण, इत्र, आदि।

यह श्रृंगार नारी जीवन की पूर्णता और सौभाग्य का प्रतीक है।

हरियाली तीज व्रत एवं पूजा विधि

1. सवेरे जल्दी उठकर स्नान करें और हरे या लाल रंग के वस्त्र पहनें।

2. पूजा स्थान की सफाई करें, गंगाजल छिड़कें, गोबर से लेपन कर सकते हैं।

3. घी का दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें – यथासंभव निर्जला व्रत रखें, अन्यथा फलाहार कर सकते हैं।

4. माता पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा या चित्र चौकी पर रखें।

5. गंगाजल व पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें।

6. मां पार्वती को श्रृंगार सामग्री अर्पित करें।

7. बेलपत्र, धतूरा, सुपारी, फूल, फल, चंदन, नैवेद्य आदि चढ़ाएं।

8. हरियाली तीज व्रत कथा श्रद्धा से पढ़ें या सुनें।

9. शिव-पार्वती की आरती करें और मन से प्रार्थना करें।

10. अगले दिन पूजन सामग्री और मिट्टी की प्रतिमा को बहते जल में विसर्जित करें।

हरियाली तीज के नियम

व्रत निर्जला रखना अत्यंत शुभ माना जाता है।

हरे रंग का विशेष महत्व है — कपड़े, चूड़ियां, बिंदी, साड़ी सब में हरियाली झलकनी चाहिए।

हाथों में मेंहदी जरूर लगाएं, यह शुभता और सौभाग्य का प्रतीक है।

दिनभर भक्ति और मन की शुद्धता बनाए रखें।

क्रोध, द्वेष और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।

हरियाली तीज: नारी शक्ति, प्रेम और तपस्या का प्रतीक

हरियाली तीज केवल एक पर्व नहीं, बल्कि नारी के भीतर छिपी असीम शक्ति, प्रेम, धैर्य और समर्पण का उत्सव है। यह दिन हर विवाहित स्त्री को अपनी भूमिका पर गर्व करने, प्रकृति से जुड़ने और वैवाहिक जीवन की सुंदरता को समझने का अवसर देता है।

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