तीर्थन घाटी (परस राम भारती) (फ्रंटपेज न्यूज़)
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी में मानसून ने एक बार फिर अपना कहर बरपा दिया। बीते शाम करीब 6 बजे बठाहड़ क्षेत्र के घलिंगचा नाले में बादल फट गया, जिससे फलाचन नदी अचानक उफान पर आ गई। तेज बहाव में कई पुल, पुलिया, गाड़ियां, कुटीर, खेत, और सेब के बगीचे बह गए।

️ मकानों और दुकानों में घुसा मलबा
टीला पुल से बठाहड़ और गुशेनी तक कई मकानों, दुकानों और ट्राउट मछली फार्म को भारी नुकसान पहुंचा है। लोगों के घरों में मलबा भर गया और कई पेड़ नदी के तेज बहाव में बह गए। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
 सड़कें टूटीं, गांवों का संपर्क कटा
गुशेनी से बठाहड़ मुख्य सड़क कई स्थानों पर भूस्खलन से अवरुद्ध हो गई है। जगह-जगह सड़कें टूटी हैं और सहायक दीवारें ढह गई हैं। पैदल पुल और पुलिया बहने से कई रास्ते बंद हो गए हैं। बिजली आपूर्ति ठप होने से कई गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है। बठाहड़ क्षेत्र की तीन ग्राम पंचायतों के हजारों लोग अब मुश्किल हालात में हैं।
सबसे ज्यादा असर मशीयार पंचायत में
ग्राम पंचायत मशीयार सबसे अधिक प्रभावित हुई है। इसके चार गांव — कमेडा, मझली, मशीयार और थानेगाड़ — का संपर्क पूरी तरह कट गया है। फलाचन नदी पर बने सभी पुल बह जाने से लोग आवागमन के लिए मजबूरी में खतरनाक रास्तों का सहारा ले रहे हैं।
 पंचायत प्रधान की अपील
ग्राम प्रधान शांता देवी ने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जल्द ही उपायुक्त कुल्लू और एपीएमसी अध्यक्ष से मिलकर अस्थायी पैदल पुलिया और अन्य राहत कार्य के लिए धनराशि स्वीकृत करवाने की मांग की जाएगी।
️ विधायक और प्रशासन मौके पर
बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी और प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंच गई है। उपमंडल अधिकारी पंकज शर्मा ने नुकसान का ग्राउंड जीरो पर निरीक्षण किया और लोक निर्माण विभाग ने सड़कें खोलने के लिए मशीनरी तैनात कर दी है। बिजली आपूर्ति बहाल करने की कोशिश भी जारी है।
⚠️ बारिश का अलर्ट और छुट्टी
मौसम विभाग शिमला ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। एहतियात के तौर पर उपमंडल बंजार के सभी स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, प्रशिक्षण केंद्र और आंगनवाड़ी आज बंद हैं। हालांकि शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ को संस्थान में उपस्थित रहना होगा। प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
 सेब सीजन पर खतरा
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि सड़कों को तुरंत खोला जाए और अस्थायी पुल बनाए जाएं ताकि तैयार सेब की फसल मंडियों तक पहुंच सके। लोगों का कहना है कि यह अब सिर्फ राहत का मामला नहीं, बल्कि उनकी रोजी-रोटी से जुड़ा सवाल है।




























