कुल्लू। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में तहसीलदार हरि सिंह यादव के साथ हुई मारपीट और घसीटने की घटना ने पूरे जिले की सुरक्षा व्यवस्था पर गम्भीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना ढालपुर मैदान में उस समय हुई जब तहसीलदार सरकारी ड्यूटी पर तैनात थे। इस दौरान कुछ देवलुओं ने उन्हें न केवल कॉलर पकड़कर पीटा बल्कि घसीटते हुए देवता शिविर तक ले गए। चश्मदीदों के अनुसार मौके पर मौजूद 1200 से अधिक पुलिस और होमगार्ड जवान मूकदर्शक बने रहे।
परिवार सदमे में, बोला— तीन साल से चल रही साजिश
तहसीलदार की बेटी डॉ. अंशुमाला ने घटना पर गहरा आक्रोश जताते हुए कहा कि उनके पिता के साथ यह कोई अचानक हुई घटना नहीं थी, बल्कि पिछले तीन वर्षों से लगातार रचे जा रहे षड्यंत्र का हिस्सा है। उन्होंने कहा,
> “जब प्रदर्शनी मैदान में मेरे पिता को सरेआम घसीटा और पीटा जा रहा था, तब वहां तैनात इतनी भारी पुलिस फोर्स आखिर कहां थी? किसी ने रोकने की कोशिश क्यों नहीं की?”
डॉ. अंशुमाला ने बताया कि उनके पिता सरकारी कार्य पर थे, निजी रूप से नहीं। इसके बावजूद उनके साथ अभद्रता की गई और प्रशासनिक अधिकारी होने के बावजूद उन्हें अपमानित किया गया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया है, जिससे पूरा परिवार गहरे सदमे में है।
देव आस्था के नाम पर गुंडागर्दी का आरोप
परिवार ने आरोप लगाया है कि देव आस्था की आड़ में कुछ लोगों ने खुलेआम गुंडागर्दी की। उन्होंने कहा कि यदि एक प्रशासनिक अधिकारी के साथ सार्वजनिक रूप से ऐसी हिंसा हो सकती है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की क्या गारंटी है?
परिवार ने पुलिस और जिला प्रशासन से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस और प्रशासन पर उठे सवाल
परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि घटना के कई दिन बीत जाने के बावजूद अब तक न तो उपायुक्त और न ही पुलिस अधीक्षक ने कोई आधिकारिक बयान जारी किया है। प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है और एफआईआर केवल मामूली धाराओं में दर्ज की गई है।
तहसीलदार ने मांगी सुरक्षा, कहा— जान को खतरा
तहसीलदार हरि सिंह यादव ने अपनी शिकायत में कहा कि इस घटना के बाद उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने पुलिस से सुरक्षा मुहैया कराने और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
वीडियो वायरल, सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है, जिसमें स्पष्ट दिखाई देता है कि भीड़ तहसीलदार को घसीटते हुए देवता शिविर तक ले जा रही है। इससे दशहरा उत्सव की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण को लेकर जिला प्रशासन की तैयारियों की पोल खुल गई है।




























