मंडी, फ्रंटपेज न्यूज़
हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं और सड़क दुर्घटनाओं ने जिला मंडी में व्यापक तबाही मचाई, लेकिन प्रशासन की तत्परता से राहत और पुनर्वास कार्यों को तेज़ी से अंजाम दिया जा रहा है। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने शनिवार को जानकारी दी कि अब तक कुल 1085 आपदा प्रभावित मामलों में ₹4.23 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। यह राशि प्रभावितों को घरों, निजी संपत्ति, पशुधन तथा जानी नुकसान के मद में वितरित की जा रही है।
थुनाग में सबसे अधिक क्षति, ₹3 करोड़ से अधिक के मामलों को मिली मंजूरी
डीसी ने बताया कि उपमंडल थुनाग आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। यहां लगभग ₹46 लाख की फौरी राहत राशि अब तक वितरित की जा चुकी है, वहीं जानी व आर्थिक क्षति के मद में ₹3 करोड़ से अधिक की सहायता राशि के मामलों को अंतिम स्वीकृति दी गई है।
386 लोग ले रहे राहत शिविरों में शरण, 22 लाख किराया सहायता
आपदा से बेघर हुए परिवारों के लिए जिला प्रशासन द्वारा 18 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 386 व्यक्तियों ने फिलहाल आश्रय लिया हुआ है। प्रदेश सरकार की घोषणा के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावितों को ₹5,000 प्रति माह और शहरी क्षेत्रों में ₹10,000 प्रति माह की दर से मकान किराए के लिए सहायता दी जा रही है। इस दिशा में ₹22 लाख की राशि एसडीएम को जारी कर दी गई है, ताकि ज़रूरतमंदों को तत्काल किराया सहायता मिल सके।
62 लाख की तत्काल राहत पहले ही वितरित
प्रशासन ने आपदा की शुरुआत से ही राहत कार्यों में तेजी दिखाई और लगभग ₹62 लाख की फौरी राहत राशि प्रभावित परिवारों में पहले ही वितरित कर दी है। इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ, होमगार्ड, स्वास्थ्य और राजस्व विभाग की सक्रिय भागीदारी से राहत व पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं।
हर पीड़ित तक पहुँचेगी मदद
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने स्पष्ट कहा कि,
“प्रशासन हर प्रभावित व्यक्ति तक समय पर सहायता पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। कोई भी परिवार सरकारी सहायता से वंचित नहीं रहेगा। इस कठिन घड़ी में सरकार और प्रशासन पूरी मज़बूती से हर जरूरतमंद के साथ खड़े हैं।”
नुकसान का आकलन जारी, पुनर्वास का कार्य प्राथमिकता पर
प्रशासन द्वारा आपदा के कारण हुए वास्तविक नुकसान का आंकलन लगातार जारी है और इस प्रक्रिया को पारदर्शी रखते हुए पात्र व्यक्तियों को सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि प्रभावित परिवारों को शीघ्र सामान्य जीवन में लौटने में सहायता मिले।

































