बंजार(फ्रंटपेज न्यूज़)
“बुढ़ापे का सहारा चाहिए, वादे नहीं” — पेंशनर्स ने सरकार से एकमुश्त भुगतान, मेडिकल भत्ते में बढ़ोतरी और ATM की सुविधा की मांग की
हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स फेडरेशन की खंड बंजार इकाई की मासिक बैठक आज अंबिका माता मंदिर दवाला परिसर में खंड अध्यक्ष किशन चंद डोगरा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में दर्जनों पेंशनर्स ने भाग लिया और अपने अधिकारों व बुनियादी जरूरतों को लेकर सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाई।
बैठक में सर्वसम्मति से कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें सबसे प्रमुख मुद्दा था सेवानिवृत्त कर्मचारियों के डीए एरियर और वेतन भुगतान में देरी। फेडरेशन ने स्पष्ट शब्दों में सरकार से मांग की कि बकाया सैलरी और डीए (महंगाई भत्ता) एरियर का एकमुश्त शीघ्र भुगतान किया जाए।
पेंशनर्स का कहना है कि उनमें से अधिकांश अब उम्र दराज हो चुके हैं और अनेक लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। ऐसे में जब उन्हें दवाइयों और इलाज के लिए पैसों की सबसे अधिक जरूरत होती है, तब आर्थिक असुरक्षा ने उनके लिए जीवन और अधिक कठिन बना दिया है।
“₹400 महीने में क्या इलाज हो सकता है?” — यह सवाल बैठक में बार-बार उठा। फेडरेशन ने मेडिकल भत्ते को ₹400 से बढ़ाकर ₹2000 प्रतिमाह करने की पुरज़ोर मांग की।
ATM की कमी बनी पेंशनरों के लिए रोज़मर्रा की चुनौती
बैठक में एक स्थानीय और ज़मीनी समस्या पर भी ध्यान दिया गया — बंजार के नए बस स्टैंड क्षेत्र में किसी भी बैंक का ATM न होना। यह पेंशनरों और आम लोगों दोनों के लिए परेशानी का कारण बन चुका है।
फेडरेशन का कहना है कि पेंशनर, जो पहले ही चलने-फिरने में असमर्थ हैं, उन्हें ATM से पैसे निकालने के लिए 1 किलोमीटर दूर पुराने बाजार तक जाना पड़ता है, जो कि न केवल असुविधाजनक है, बल्कि कई बार जोखिमपूर्ण भी।
“सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती है, लेकिन हमको कैश निकालने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है,” एक पेंशनर टीकम राम ने कहा।
बैठक में मौजूद रहे अनेक वरिष्ठ नागरिक
इस बैठक में कई वरिष्ठ पेंशनर्स ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से केहर सिंह, टीकम राम, गुम्मत राम, दिलीप सिंह, देवी राम, लेद राम, हुकम राम, अमलु देवी, धना देवी, इंदिरा देवी, ठाकरी देवी, चंद्री देवी, भीमी राम आदि उपस्थित रहे।
फेडरेशन की अपील: “अब देर न हो”
बैठक के अंत में फेडरेशन ने राज्य सरकार से अपील की कि इन मांगों पर शीघ्र विचार किया जाए और कोई ठोस कार्रवाई की जाए ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारी सम्मानजनक जीवन जी सकें।
“हमने ज़िंदगी के सबसे अच्छे साल सरकार की सेवा में दिए हैं, अब हमें हमारे हक का भरोसा चाहिए, बहाने नहीं,” अध्यक्ष किशन चंद डोगरा ने कहा।




























