करसोग, (फ्रंटपेज न्यूज़)
382 मेगावाट की क्षमता वाली सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना (चरण-तीन) के तहत परियोजना स्तरीय पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन समिति की बैठक का आयोजन आज करसोग के एसडीएम सभागार में किया गया। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने की। बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डॉ. मदन कुमार सहित परियोजना से जुड़े विभिन्न अधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान उपायुक्त अपूर्व देवगन ने स्पष्ट निर्देश दिए कि परियोजना से प्रभावित पंचायतों के प्रत्येक पात्र लाभार्थी को पारदर्शिता एवं समयबद्ध तरीके से सभी निर्धारित सुविधाएं व लाभ सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कहा कि पुनर्वास और पुनर्स्थापन की प्रक्रिया मानवीय दृष्टिकोण से की जाए और इस दौरान स्थानीय जरूरतों व परिस्थितियों का विशेष ध्यान रखा जाए।

पुनर्वास नीति के प्रभावी क्रियान्वयन पर ज़ोर
उपायुक्त ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से परियोजना प्रभावित परिवारों की वर्तमान स्थिति, आजीविका, रोजगार के अवसर, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन की प्राथमिकता यह है कि परियोजना का क्रियान्वयन सफल हो, लेकिन साथ ही साथ स्थानीय निवासियों का जीवन स्तर भी बेहतर हो।
स्थानीय समुदाय से निरंतर संवाद बनाए रखने के निर्देश
अपूर्व देवगन ने परियोजना क्रियान्वयन एजेंसी को निर्देशित किया कि स्थानीय समुदाय के साथ नियमित संवाद बनाए रखा जाए और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से सुलझाया जाए। उन्होंने कहा कि कोई भी परियोजना तभी सफल मानी जाती है जब उसका सामाजिक प्रभाव सकारात्मक हो और स्थानीय लोगों को उसका लाभ सीधे तौर पर प्राप्त हो।
इस बैठक में ग्राम पंचायत परलोग की प्रधान गायत्री देवी, ग्राम पंचायत सरत्योला के प्रधान तिलक राज, ग्राम पंचायत बिंदला की प्रधान रोशनी देवी, पंचायत समिति सदस्य माहूंनाग मीना कुमारी, एसडीएम करसोग गौरव महाजन, तहसीलदार वरुण गुलाटी, नायब तहसीलदार शांता शुक्ला, बीडीओ सुरेंद्र ठाकुर, हेड ऑफ प्रोजेक्ट राजीव अग्रवाल, भू-अर्जन अधिकारी अश्वनी सूद, और पंजाब नेशनल बैंक शाखा करसोग के मैनेजर कॉल राम समेत अनेक विभागीय अधिकारी एवं परियोजना प्रभावित परिवारों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।




























