कुल्लू (फ्रंटपेज न्यूज़)
प्रत्येक केंद्र को 2.50 करोड़ रुपये तक की सहायता, सड़क सुरक्षा में आएगा सुधार
देशभर में सड़क सुरक्षा को लेकर लगातार बढ़ती चिंता के बीच केंद्र सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है। भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों में ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (Driving Training Centres – DTCs) स्थापित करने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत राज्य की ड्राइविंग शिक्षा प्रणाली को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित कर सुरक्षित यातायात व्यवस्था को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
कुल्लू जिला उपायुक्त तोरुल एस. रवीश ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत हर एक ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र के लिए अधिकतम 2.50 करोड़ रुपये की सहायता राशि का प्रावधान है, जिसमें केंद्र सरकार कुल परियोजना लागत का 85 प्रतिशत तक योगदान देगी। इस राशि का उपयोग न केवल भौतिक ढांचे के निर्माण में होगा, बल्कि अत्याधुनिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक के स्वचालन (Automation of Driving Test Tracks) के लिए भी किया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि इस परियोजना से जिले में प्रशिक्षित ड्राइवरों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे सड़कों पर नियमों का पालन करने वाले वाहन चालकों की संख्या बढ़ेगी। इसका सीधा असर सड़क दुर्घटनाओं में कमी के रूप में दिखाई देगा।
तोरुल एस. रवीश ने आगे कहा, “यह योजना न केवल युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करेगी, बल्कि इससे हमारा क्षेत्र सड़क सुरक्षा के मानकों में भी अग्रणी बन सकेगा।”
उन्होंने जिला के सभी उपमंडल अधिकारियों, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधियों तथा स्थानीय निकायों को यह निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, ताकि पात्र संस्थाएं और इच्छुक आवेदक इस योजना का लाभ उठा सकें।
योजना की मुख्य बातें:
योजना का उद्देश्य: सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाना और प्रशिक्षित ड्राइवरों की संख्या बढ़ाना
सहायता राशि: प्रति केंद्र अधिकतम ₹2.50 करोड़ तक
केन्द्र सरकार का योगदान: कुल लागत का 85%
प्रमुख घटक: आधुनिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक का निर्माण और स्वचालन
लाभार्थी: निजी संस्थान, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI), पॉलिटेक्निक, परिवहन एजेंसियां
लाभ: रोजगार के अवसर, सड़क दुर्घटनाओं में कमी, आधुनिक प्रशिक्षण सुविधा
जिला प्रशासन की यह कोशिश है कि कुल्लू जिला इस योजना में अग्रणी भूमिका निभाए और यहां के योग्य संस्थान इसके तहत आवेदन कर, न केवल क्षेत्र के युवाओं को प्रशिक्षित करें, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित भविष्य की दिशा में अग्रसर करें।




























