फ्रंट पेज न्यूज़
छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार ने अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई करते हुए 22 वरिष्ठ आबकारी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह फैसला जुलाई 2025 के दूसरे सप्ताह में लिया गया, जब आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की जांच में लगभग ₹3200 करोड़ के शराब घोटाले की परतें खुलीं।
क्या है पूरा मामला?
2019 से 2023 के बीच, छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर अवैध लेन-देन और घोटाले सामने आए। जांच एजेंसियों के अनुसार, कुछ अधिकारियों ने निजी ठेकेदारों और राजनीतिक संपर्कों के साथ मिलकर शराब की बिक्री में फर्जीवाड़ा किया।
चार्जशीट के अनुसार, आरोपितों ने अवैध तरीके से लगभग ₹88 करोड़ की व्यक्तिगत कमाई की। इस दौरान सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया।
किस स्तर पर हुई कार्रवाई?
निलंबित किए गए 22 अधिकारियों में:
5 डिप्टी कमिश्नर
13 सहायक आयुक्त
4 जिला आबकारी अधिकारी शामिल हैं।
इनके खिलाफ EOW और ACB ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
यह पहली बार है जब छत्तीसगढ़ में आबकारी विभाग के इतने बड़े अधिकारियों पर एक साथ कार्रवाई हुई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने साफ कहा:
“छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत हर दोषी पर कार्रवाई होगी, चाहे वह कितना भी बड़ा पदाधिकारी क्यों न हो।”
आगे क्या होगा?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी इस घोटाले की जांच में शामिल है।
दोषियों की संपत्तियों को जब्त करने और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
राज्य सरकार ने विभाग में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नई निगरानी प्रणाली लागू करने का भी संकेत दिया है।
छत्तीसगढ़ में आबकारी विभाग से जुड़ा यह घोटाला पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुका है। राजनीतिक गलियारों में भी हलचल है क्योंकि माना जा रहा है कि इस घोटाले में कई बड़े नामों का भी पर्दाफाश हो सकता है।

































