कुल्लू (फ्रंटपेज न्यूज़)
1 एचपी एयर स्क्वाड्रन एनसीसी, कुल्लू ने शिमला समूह के तत्वावधान में कुल्लू के बबेली में दो रॉक क्लाइम्बिंग शिविरों का सफलतापूर्वक आयोजन किया। बबेली का यह प्राकृतिक व चुनौतीपूर्ण प्रशिक्षण स्थल कैडेटों के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर खुद को परखने का आदर्श मंच बना।

शिविरों का आयोजन दो बैचों में हुआ:
पहला बैच: 28 जून से 4 जुलाई 2025 तक
दूसरा बैच: 7 जुलाई से 13 जुलाई 2025 तक
इन शिविरों में कुल 60 एनसीसी कैडेटों ने भाग लिया, जो शिमला, पटियाला, जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, अंबाला, रोहतक और चंडीगढ़ सहित विभिन्न एनसीसी समूहों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
प्रशिक्षण का संचालन और विशेषज्ञ मार्गदर्शन:
शिविरों का नेतृत्व विंग कमांडर कुणाल शर्मा, कमांडिंग ऑफिसर, 1 एचपी एयर स्क्वाड्रन एनसीसी, कुल्लू ने किया, जो स्वयं कैंप कमांडेंट के रूप में तैनात रहे।

प्रशिक्षण में तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), द्वितीय बटालियन, बबेली के अनुभवी प्रशिक्षकों की देखरेख रही।
कैडेटों को निम्नलिखित तकनीकों का विशेष प्रशिक्षण दिया गया:
गाँठ बाँधना (Knots Tying)
बेलेइंग (Belaying)
रैपलिंग (Rappelling)
पर्वतीय नेविगेशन (Mountain Navigation)
इन सभी गतिविधियों में कैडेटों को अनुशासन, टीम वर्क और व्यक्तिगत लचीलापन पर जोर देते हुए प्रशिक्षित किया गया।
शिविर का उद्देश्य और प्रभाव:
इन रॉक क्लाइम्बिंग शिविरों ने कैडेटों को न केवल साहसिक खेलों और उत्तरजीविता कौशल में दक्ष बनाया, बल्कि उन्हें नेतृत्व के गुणों, साहस और आत्मविश्वास से भी ओतप्रोत किया। बबेली का प्राकृतिक वातावरण इस कठोर प्रशिक्षण के लिए बिल्कुल उपयुक्त साबित हुआ।
शिविर के दौरान सभी कैडेटों ने गहरी सौहार्द, अनुशासन और उत्साह का प्रदर्शन किया। इस पहल की एनसीसी अधिकारियों और कैडेटों दोनों ने खुलकर सराहना की।
विंग कमांडर कुणाल शर्मा ने कहा:
“हमारा उद्देश्य सिर्फ साहसिक खेलों तक सीमित नहीं है। हम अपने कैडेटों को जीवन में आने वाली हर चुनौती के लिए तैयार करना चाहते हैं। यह प्रशिक्षण युवाओं में आत्मविश्वास, अनुशासन और नेतृत्व कौशल को मजबूती प्रदान करता है।”




























