मंडी (फ्रंटपेज न्यूज़)
मंडी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए उपायुक्त अपूर्व देवगन ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय में महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में प्रभावित गांवों में रास्ते, बिजली, पानी जैसी आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के लिए चल रहे कार्यों की स्थिति पर चर्चा की गई।
उपायुक्त ने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्देशों पर सभी संबंधित विभाग मिलकर राहत और पुनर्वास कार्यों में जुटे हैं। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में संपर्क मार्गों के पुनर्निर्माण पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत आठ विकास खंडों के लिए करीब 298 करोड़ रुपये के कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से सबसे बड़ा हिस्सा — लगभग 152 करोड़ रुपये — केवल सराज विकास खंड के लिए निर्धारित किया गया है।
सराज विकास खंड में मुख्य रूप से ग्रामीण रास्तों, पैदल पुल, सुरक्षा दीवारों और बाढ़ प्रबंधन के कार्य किए जा रहे हैं। उपायुक्त ने जानकारी दी कि शुक्रवार से ग्राम पंचायत गुडाह के निहारी गांव और खबलेच पंचायत में रास्तों के निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए हैं।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दूर-दराज के क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति भी जल्द से जल्द बहाल की जाए और जहां संभव हो, वैकल्पिक इंतजाम भी किए जाएं। इसके अलावा राहत व पुनर्वास के सभी पहलुओं की गहन समीक्षा की गई।
बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डॉ. मदन कुमार, ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी व हिमफैड के प्रबंध निदेशक जगन ठाकुर, जिला विकास अधिकारी जी.सी. पाठक तथा सभी खंड विकास अधिकारी उपस्थित रहे। इंसीडेंट कमांडर सुरेंद्र मोहन ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में भाग लिया।
उपायुक्त ने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता है कि प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य जीवन शीघ्र बहाल हो और ग्रामीणों को राहत कार्यों का लाभ जल्द से जल्द मिले।




























