बालीचौकी (फ्रंटपेज न्यूज़)
आपदा के समय जब हर तरफ निराशा और पीड़ा का माहौल होता है, ऐसे में कुछ लोग उम्मीद की रौशनी बनकर सामने आते हैं। मंडी जिला के सराज क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा के बाद जब प्रभावित परिवार अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब शिमला से जुड़े कुछ समाजसेवी फरिश्ता बनकर उनके बीच पहुंचे।
जिला शिमला के समाजसेवियों — पवन कुमार गुप्ता, सत्या बर्मा, विनोद शर्मा, जितेंद्र शर्मा, मोनिका पंबर, श्यामा, सुनील शर्मा, ओमप्रभा, विपिन शर्मा और अनिकेत राणा — ने अपने-अपने निजी खातों से धन इकट्ठा कर 50 बैग राहत सामग्री जुटाई, जिनमें प्रत्येक में 40 किलो आटा था। मंगलवार को यह सामग्री सराज विधानसभा क्षेत्र के परवाड़ा मझौल गांव के 60–70 परिवारों को वितरित की गई।
समाजसेवी पवन कुमार गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि सराज में भारी आपदा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। “ऐसे समय में हम सबने मिलकर यह तय किया कि कोई न कोई कदम उठाना जरूरी है। हमने अपने खर्च से राहत सामग्री जुटाई और खुद वाहन में लेकर सराज पहुंचे। वहां जाकर जब लोगों ने अपने दुःख-दर्द साझा किए, तो हमारा मन भी गहराई से विचलित हो उठा,” उन्होंने भावुक होते हुए कहा।
पवन कुमार ने यह भी बताया कि मानवता का सबसे बड़ा धर्म है — इंसान का इंसान के काम आना। “हमने कोई अहसान नहीं किया, बल्कि अपना फर्ज निभाया है। हमारी टीम आगे भी सराज क्षेत्र में राहत और पुनर्वास कार्यों में यथासंभव सहयोग करती रहेगी,” उन्होंने जोड़ा।
इस कार्य ने यह सिद्ध कर दिया कि जब समाज का हर वर्ग एकजुट होकर किसी आपदा से लड़ने का संकल्प लेता है, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती।




























