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श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए तैयारियां मुकम्मल, पहले जत्थे की रवानगी 10 जुलाई सुबह 5 बजे — डीसी तोरुल एस. रवीश

On: July 9, 2025 10:23 PM
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कुल्लू (फ्रंटपेज न्यूज़)
5 बेस कैंप, 5 सेक्टर, दर्जनों विभाग और सैकड़ों कर्मचारी यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा में तैनात

हिमाचल की धार्मिक आस्था, आध्यात्मिक चेतना और साहसिक रोमांच का संगम — श्रीखंड महादेव यात्रा 10 जुलाई से 23 जुलाई तक आयोजित की जा रही है। प्रशासन ने इसे व्यवस्थित, सुरक्षित और श्रद्धापूर्ण बनाने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है।

जिला उपायुक्त तोरुल एस. रवीश ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि पहला जत्था 10 जुलाई को सुबह 5 बजे सिंहगाड़ से रवाना होगा, जिसमें 150 से 200 श्रद्धालु शामिल रहेंगे। यात्रा में प्रतिदिन अधिकतम 800 श्रद्धालुओं को ही जाने की अनुमति दी गई है। अब तक 5,200 श्रद्धालु ऑनलाइन पंजीकरण करवा चुके हैं, जबकि सिंहगाड़ में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।

यात्रा मार्ग को 5 सेक्टरों में बांटा गया:

श्रद्धालुओं की सुविधा और आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए यात्रा मार्ग को 5 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। इन पांचों स्थानों — सिंहगाड़, थाचडू, कुंशा, भीमडवारी और पार्वतीबाग — में बेस कैंप स्थापित किए गए हैं।

प्रत्येक बेस कैंप में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, एसडीआरएफ, होमगार्ड, अभिमास मनाली की टीमें और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहेंगे। प्रत्येक सेक्टर में नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी को सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया गया है।

सुरक्षा में कोई कोताही नहीं:

उपायुक्त ने बताया कि यात्रा मार्ग पर कुल 60 पुलिस जवान, 18 एसडीआरएफ, 10 होमगार्ड, 24 अभिमास स्वयंसेवी, 20 राजस्व, 20 पंचायती राज, 15 वन, जल शक्ति, PWD, बिजली बोर्ड समेत कई विभागों के कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

श्रद्धालुओं की जेब का भी रखा गया ध्यान:

हर वर्ष मनमाने रेट की शिकायतों के मद्देनज़र इस बार प्रशासन ने खाने-पीने और विश्राम दरें तय कर दी हैं। प्रत्येक कैंप में भोजन, चाय, नाश्ता, परांठा और बिस्तर के स्पष्ट रेट तय किए गए हैं ताकि किसी भी श्रद्धालु से अतिरिक्त राशि न वसूली जाए।

तोरूल एस रवीश ने बताया कि यात्रा के दौरान भोजन और विश्राम की दरें तय कर दी गई हैं, ताकि श्रद्धालुओं से मनमाने शुल्क न वसूले जाएं। उन्होंने बताया कि सिंहगाड में खाना 110 रुपये, चाय 15 रुपये, परांठा 35 रुपये, नास्ता 75 रुपये और बिस्तर का रेट 110 रुपये तय किया गया है। बराटी नाला में खाना 130 रुपये, चाय 20 रुपये, परांठा 45 रुपये, नास्ता 100 रुपये और बिस्तर का रेट 150 रुपये, थाचडू में खाना 200 रुपये, चाय 25 रुपये, परांठा 55 रुपये, नास्ता 130 रुपये और बिस्तर का रेट 210 रुपये रेट तय किया गया है।

काली घाटी व कुंशा में खाना 230 रुपये, चाय 35 रुपये, परांठा 65 रुपये, नास्ता 150 रुपये और बिस्तर का रेट 250 रुपये, भीम डवारी में खाना 270 रुपये, चाय 40 रुपये, परांठा 70 रुपये, नास्ता 170 रुपये और बिस्तर का रेट 300 रुपये और पार्वतीबाग में खाना 290 रुपये, चाय 45 रुपये, परांठा 75 रुपये, नास्ता 180 रुपये और बिस्तर का रेट 320 रुपये रेट तय किया गया है। इसके अतिरिक्त सिंहगाड, थाचडू और भीमडवारी में लंगर व्यवस्था भी उपलब्ध रहेगी।

इसके अलावा सिंहगाड़, थाचडू और भीमडवारी में लंगर की व्यवस्था भी की गई है।

स्वच्छता और सुविधा भी प्राथमिकता:

यात्रा मार्ग पर मोबाइल टॉयलेट स्थापित किए गए हैं। निजी टेंट संचालकों को भी अपने टेंट के समीप शौचालय लगाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन द्वारा शुद्ध पेयजल, सफाई व्यवस्था, मेडिकल टीमों की उपलब्धता और हर आपात स्थिति से निपटने के लिए समुचित इंतजाम किए गए हैं।

उपायुक्त तोरुल एस. रवीश ने बताया कि प्रशासन का उद्देश्य है कि श्रद्धालु इस कठिन लेकिन पुण्यदायक यात्रा को पूर्ण श्रद्धा, सुरक्षा और सुविधा के साथ सफलतापूर्वक पूर्ण करें। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे प्रशासन द्वारा तय दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी असुविधा की स्थिति में राहत केंद्रों या तैनात कर्मियों से तुरंत संपर्क करें।

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