357 प्रभावितों को मिला राहत शिविरों में आसरा
जिले में 14 पुल ध्वस्त, 188 सड़कों पर यातायात ठप, नुकसान 115 करोड़ से अधिक का अनुमान
मंडी, (फ्रंटपेज न्यूज़)
30 जून और 1 जुलाई को मंडी जिले में आई भारी बारिश और भूस्खलन से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है, लेकिन राहत की बात यह है कि जिला प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय लोगों की सतर्कता और सामूहिक प्रयासों से अब तक 198 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में आपदा से जुड़ी ताजा जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस आपदा ने जिले में भारी तबाही मचाई है, लेकिन राहत और पुनर्वास कार्यों को युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है।

14 पुल क्षतिग्रस्त, थुनाग-करसोग सबसे अधिक प्रभावित
उपायुक्त ने बताया कि आपदा के दौरान 14 पुलों को नुकसान पहुंचा है जिनमें सबसे ज्यादा थुनाग क्षेत्र में 6 पुल, करसोग में 5, बालीचौकी में 2 और धर्मपुर में 1 पुल शामिल है। चैलचौक-बगस्याड़ सड़क को बहाल कर दिया गया है और जंजैहली को करसोग से जोड़ने वाली सड़क 4 जुलाई तक बहाल कर दी जाएगी।
जिले की 188 सड़कें अभी भी बंद, JCB से काम जारी
जिले में फिलहाल 188 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र धर्मपुर (42 सड़कें बंद), सराज (37), थलौट (31) और करसोग (27) हैं। इन सड़कों को खोलने के लिए JCB और मशीनरी से युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।
थुनाग और जंजैहली में अधिकारियों की विशेष तैनाती
थुनाग और जंजैहली जैसे दूरस्थ और प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासनिक अधिकारियों को विशेष रूप से तैनात किया गया है ताकि राहत कार्यों में किसी प्रकार की बाधा न आए। थुनाग क्षेत्र में जरूरी भवनों की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है जिससे राहत कार्यों में अब तेजी आई है।
357 लोग राहत शिविरों में, हेलीकॉप्टर से पहुंच रही राहत सामग्री
जिले में 6 राहत शिविर सक्रिय हैं, जिनमें नामदारी गुरुद्वारा मंडी, जवाहर नवोदय विद्यालय पंडोह और अन्य सरकारी भवन शामिल हैं। इनमें 357 प्रभावित लोग और जंजैहली से एनसीसी कैंप में भाग लेने आए बच्चों को सुरक्षित नवोदय विद्यालय में स्थानांतरित किया गया है। राहत सामग्री जैसे राशन, कपड़े, दवाइयाँ आदि हेलीकॉप्टर के ज़रिए पहुंचाई जा रही हैं। बगस्याड़ के बाद जहां सड़क संपर्क टूटा है, वहां से राहत सामग्री खच्चरों और पैदल मार्गों के ज़रिए भेजी जा रही है।
पेयजल योजनाएं भी प्रभावित, 115 करोड़ रुपये का प्रारंभिक नुकसान
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि जिले की 580 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनमें से अकेले थुनाग में 321 योजनाएं प्रभावित हुई हैं। अब तक 66 योजनाओं को बहाल किया गया है और शेष को जल्द ठीक करने का कार्य चल रहा है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, आपदा से 115 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
सैकड़ों मकानों को क्षति, 14 लोगों की मौत, 31 लापता
आपदा में 300 से 400 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 154 मकान पूरी तरह ध्वस्त, 105 गोशालाएं क्षतिग्रस्त, और 164 मवेशियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। अब तक 14 लोगों की मौत हुई है जबकि 31 लोग लापता हैं। उपायुक्त ने बताया कि लापता लोगों में से 95% के बारे में जानकारी मिल चुकी है और उम्मीद है कि आगे कोई वृद्धि नहीं होगी।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि प्रशासन, पुलिस, आपदा प्रबंधन टीमें और स्थानीय जनप्रतिनिधि इस कठिन समय में लगातार कार्य कर रहे हैं। सभी विभाग समन्वय के साथ काम कर रहे हैं ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके और जनजीवन फिर से सामान्य हो।




























