हिमाचल प्रदेश स्पोर्ट्स बॉलीवुड जॉब - एजुकेशन बिजनेस लाइफस्टाइल देश-विदेश राशिफल लाइफ - साइंस आध्यात्मिक राजनीति स्वास्थ्य अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा

बारिश के मौसम में क्यों बढ़ जाता है डायरिया का खतरा? जानिए कारण, बचाव और घरेलू उपाय

On: July 14, 2025 1:15 AM
Follow Us:

फ्रंट पेज न्यूज़

शिमला सहित पूरे उत्तर भारत में मानसून के दौरान डायरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दरअसल, बरसात के समय जगह-जगह जलभराव, गंदगी और दूषित पानी के कारण बैक्टीरिया व वायरस फैलते हैं। इससे खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों में पेट दर्द, उल्टी और पतले दस्त की समस्या देखने को मिलती है। डायरिया अगर समय रहते कंट्रोल न हो तो यह शरीर में पानी और जरूरी लवण की कमी (डिहाइड्रेशन) के कारण जानलेवा भी बन सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डायरिया मृत्यु का तीसरा सबसे बड़ा कारण है। हर साल दुनिया भर में लाखों बच्चों की इससे जान चली जाती है।

डायरिया क्या है और इसके प्रकार

डायरिया यानी दस्त एक पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारी है जिसमें दिन में तीन या उससे अधिक बार पानी जैसे या ढीले मल होते हैं। यह तीन प्रकार का होता है:

एक्यूट वॉटर डायरिया: सबसे सामान्य, 1–2 दिन में ठीक हो सकता है।

इंफ्लेमेटरी डायरिया: मल में खून या म्यूकस आता है, बुखार भी हो सकता है।

क्रॉनिक डायरिया: दो हफ्ते से अधिक चलता है, यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत होता है।

मानसून में सबसे ज़्यादा एक्यूट डायरिया के मामले सामने आते हैं, जिसका कारण दूषित पानी और गंदे हाथ होते हैं।

मानसून में बरती जाने वाली लापरवाहियां जो बढ़ाती हैं डायरिया का खतरा:

बिना उबाले या फिल्टर किए पानी का सेवन।

बारिश या खुले स्रोत से पानी पीना।

पानी की टंकी या बाल्टी की नियमित सफाई न करना।

बच्चों को बिना हाथ धोए खाना देना या खेलने देना।

क्या कपड़े से छाना पानी पीना सुरक्षित है?

गांवों में आज भी लोग पानी को कपड़े से छानकर पीते हैं, लेकिन यह तरीका सुरक्षित नहीं है। कपड़ा सिर्फ बड़े कणों को रोकता है। बैक्टीरिया और वायरस ऐसे नहीं रुकते। पानी को हमेशा कम से कम 10 मिनट तक उबालना जरूरी है, खासकर जब घर में वाटर प्यूरिफायर न हो।

बच्चों को कैसे बचाएं?

केवल उबला या प्यूरिफाइड पानी दें।

बाहर के खाने से बचाएं।

दस्त होने पर तुरंत ORS घोल और ज़िंक दें।

ORS कितना और कैसे दें?

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार:

2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हर दस्त के बाद 50–100 मिलीलीटर ORS।

2 वर्ष या उससे बड़े बच्चों को 100–200 मिलीलीटर ORS।

उल्टी आने पर 10 मिनट रुककर फिर से दें।

साथ में ज़िंक की 10–20 मिलीग्राम की दैनिक खुराक 2 सप्ताह तक दें। इससे दस्त की अवधि घटती है और दोबारा होने की संभावना भी कम होती है।

डायरिया में घरेलू उपचार जो तुरंत आजमाए जा सकते हैं:

1 लीटर उबले हुए पानी में 6 चम्मच चीनी और 1/2 चम्मच नमक मिलाकर घोल बनाएं।

नारियल पानी पिएं, यह इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है।

दही और छाछ लें।

हल्की खिचड़ी खाएं।

ध्यान रखें:
बारिश में डायरिया एक सामान्य लेकिन गंभीर खतरा बन जाता है। साफ पानी, हाथ धोने की आदत, सुरक्षित भोजन और ORS-ज़िंक जैसे उपाय इसे रोकने में बहुत मददगार हैं। गांव या शहर कहीं भी रहें, पानी उबालकर ही पीना जरूरी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि बरसात के मौसम में थोड़ी सी सावधानी बड़ी बीमारी से बचा सकती है।

WhatsApp Channel

Join Now

Facebook Page

Join Now

Leave a Comment

You cannot copy content of this page