बंजार (फ्रंटपेज न्यूज़)
हिमाचल प्रदेश का बंजार क्षेत्र इन दिनों भयंकर बारिश और भूस्खलन जैसी आपदाओं से जूझ रहा है। सड़कों का संपर्क टूटा है, जनजीवन अस्त-व्यस्त है, और फलों-सब्जियों के सीजन में किसानों की मुश्किलें चरम पर हैं। ऐसे समय में जब प्रशासनिक नेतृत्व की सबसे अधिक ज़रूरत है, ठीक उसी वक्त बंजार उपमंडल के एसडीएम का “अचानक लापता” हो जाना एक गंभीर प्रशासनिक संकट बन गया है।
शनिवार सुबह बंजार मिनी सचिवालय से फेसबुक लाइव पर जनता को संबोधित करते हुए स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी ने इस पूरे घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे “जनता के साथ विश्वासघात” करार दिया।
“आपदा के समय एसडीएम कार्यालय से नदारद, कोई सूचना तक नहीं”
विधायक शौरी ने कहा कि शुक्रवार सुबह से एसडीएम बंजार कार्यालय से पूरी तरह से अनुपस्थित हैं। न तो वह अवकाश पर हैं, न ही किसी सरकारी दौरे पर। सबसे हैरानी की बात यह है कि इस बारे में उपायुक्त कुल्लू सहित किसी भी उच्च अधिकारी को कोई जानकारी नहीं है।
“यह बेहद शर्मनाक स्थिति है। पूरी व्यवस्था बिना नेतृत्व के है और अधिकारी गायब हैं। ये जनता के साथ धोखा है,” उन्होंने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा।
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“जिस पद के लिए जनता ने संघर्ष किया, वहीं से फिर निराशा”
विधायक ने याद दिलाया कि बंजार में एसडीएम की तैनाती को लेकर क्षेत्र की जनता ने लगभग दो महीने तक आंदोलन और संघर्ष किया था। जब हाल ही में एक अधिकारी को तैनात किया गया, तो उम्मीद जगी थी कि अब क्षेत्र की समस्याओं को प्राथमिकता मिलेगी। लेकिन इस अचानक से गैरहाजिरी ने एक बार फिर जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
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“बंजार में प्रशासनिक जवाबदेही शून्य हो गई है”
विधायक शौरी ने कहा कि प्रशासन की यह कार्यप्रणाली बंजार क्षेत्र में एक खतरनाक उदाहरण बनती जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब यहां कोई जवाबदेह तंत्र नहीं बचा है, और ज़िला प्रशासन भी इन सवालों से भागता दिख रहा है।
उन्होंने यह भी जोड़ा, “बंजार अब केवल पर्यटन स्थल नहीं है, यह एक संवेदनशील और आपदा प्रभावित इलाका है। यहां जनता को नेतृत्व और त्वरित निर्णयों की ज़रूरत है, न कि लापरवाह अफसरों की ग़ैरहाज़िरी।”
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राज्य सरकार और डीसी कुल्लू से कार्रवाई की मांग
सुरेंद्र शौरी ने राज्य सरकार और उपायुक्त कुल्लू, आशुतोष गर्ग से आग्रह किया कि इस विषय पर तत्काल संज्ञान लिया जाए और स्पष्ट किया जाए कि एसडीएम कहां हैं और क्या कारण है उनकी अनुपस्थिति का।
“अगर कोई अधिकारी आपदा के वक्त कार्यालय से भाग जाए, और पूरा प्रशासन मौन धारण कर ले – तो यह प्रशासनिक व्यवस्था की विफलता का खुला उदाहरण है,” उन्होंने कहा।
फल मंडी से लेकर गांवों तक अव्यवस्था, जनता त्रस्त
इस वक्त बंजार क्षेत्र में सेब और सब्जियों का सीजन पूरे जोरों पर है, लेकिन बारिश और खराब सड़कों की वजह से परिवहन, मंडी व्यवस्था, और राहत कार्य पूरी तरह चरमरा गए हैं। किसानों को भारी नुकसान हो रहा है और ग्रामीण इलाकों से कोई मदद नहीं पहुंच पा रही है।




























