शिमला (फ्रंटपेज न्यूज़)
शिमला की वादियों में राजनीतिक गर्मी तेज़ है।
8 महीने से बिना ठोस संगठन के चल रही कांग्रेस अब अपने ‘कमान’ की तलाश में है। दिल्ली दरबार में घंटों चली बैठक में नेताओं के चेहरों से ज़्यादा उनके इरादों ने बयान दिया — कि अब नाम से नहीं, काम से मिलेगा ताज।
सियासी गली में गूंज रही है चर्चा – “अबकी बार दमदार अध्यक्ष की दरकार”
दिल्ली बैठक में…
राहुल गांधी ने दिया साफ़ संदेश –
“संगठन चाहिए ताकतवर, चेहरा चाहिए भरोसेमंद!”
CM सुक्खू, डिप्टी CM अग्निहोत्री, प्रतिभा सिंह और कई दिग्गज नेता इस सियासी मेज़ पर मौजूद रहे, जहाँ बहस कम और तल्ख़ियाँ ज़्यादा दिखीं।
संगठन की सुस्ती ने सबको चिंता में डाल दिया।
कौन-कौन है रेस में ? चलिए जानते हैं उन चेहरों को जिन पर है सभी की निगाहें —
रोहित ठाकुर — शिक्षा मंत्री, अनुभव + संगठन में पकड़
 विनय कुमार — उपाध्यक्ष, शांत पर रणनीतिक
आशीष बुटेल — युवा सोच, तेज़ कदम
विनोद सुल्तानपुरी — ग्रासरूट से कनेक्शन
कुलदीप राठौर — पहले भी आज़मा चुके हैं नेतृत्व का स्वाद
लेकिन फोकस एक ही नाम पर — रोहित ठाकुर
पर यदि रोहित बनते हैं अध्यक्ष, तो मंत्रिमंडल में फिर खाली कुर्सी की गिनती बढ़ेगी।
⏳ 8 महीनों से ताले में बंद है संगठन का दरवाज़ा
सिर्फ़ नाम के अध्यक्ष, और खाली कार्यकारिणी –
कांग्रेस हाईकमान ने सब फॉर्मेट कर दिया, नया इंस्टॉलेशन अब होना बाकी है।
अब चर्चा ये भी है कि नई PCC में 10 युवा चेहरे जुड़ सकते हैं।
क्या सीएम सुक्खू को मिल गया है ‘फ्री हैंड’?
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो हाईकमान ने मंत्रिमंडल को लेकर गेंद सुक्खू के पाले में डाल दी है।
जिसका मतलब ये है — जो सुक्खू के करीब, वही मंत्री पद के करीब।
और अब ये फॉर्मूला कांग्रेस के भीतर तूफान ला सकता है।
दिल्ली बैठक में कैबिनेट पर ‘मौन’
रिक्त पद की कोई चर्चा नहीं,
पर यदि रोहित ठाकुर कुर्सी बदलते हैं —
तो खाली चेयर हो जाएगी दो।
अब देखना ये है कि ये खालीपन कब भरता है और कौन इसे भरता है।
निष्कर्ष नहीं, सस्पेंस है अभी बाक़ी…
हिमाचल कांग्रेस का ये अध्याय
सियासत, समीकरण और सत्ता के ताने-बाने से बुना जा रहा है।
कुर्सी के खेल में कौन मारेगा बाज़ी,
ये आने वाला हफ़्ता तय करेगा!




























