(फ्रंटपेज न्यूज़)
नई दिल्ली,
देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अपने पद से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। उनका यह फैसला संसद के मानसून सत्र के बीच आया, जब वह सदन की कार्यवाही में कुछ समय के लिए मौजूद रहने के बाद चुपचाप बाहर निकल गए।
धनखड़ का इस्तीफा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67 (A) के अंतर्गत दिया गया है, जो उपराष्ट्रपति के स्वेच्छिक इस्तीफे की प्रक्रिया को परिभाषित करता है।
74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी और उनका कार्यकाल 2027 तक निर्धारित था। मार्च 2025 में उन्हें हृदय संबंधी समस्याओं के चलते एम्स, दिल्ली में भर्ती कराया गया था, जहां एंजियोप्लास्टी की गई थी।
राष्ट्रपति को लिखा भावुक पत्र
धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित अपने त्यागपत्र में लिखा,
> “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (A) के तहत भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।”
उन्होंने राष्ट्रपति के अटूट समर्थन और कार्यकाल के दौरान उनके साथ बने “सुखद एवं अद्भुत कार्य संबंधों” के लिए हार्दिक आभार प्रकट किया।
प्रधानमंत्री और संसद सदस्यों के प्रति आभार
अपने पत्र में उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद का विशेष रूप से धन्यवाद करते हुए कहा:
> “प्रधानमंत्री जी का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है। मैंने अपने कार्यकाल में उनसे बहुत कुछ सीखा है।”
धनखड़ ने संसद के सदस्यों का भी धन्यवाद किया और कहा कि उन्हें भारत की वैश्विक उन्नति और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में उनकी भूमिका पर गर्व है।
सिब्बल बोले – “राजनीतिक मतभेदों के बावजूद व्यक्तिगत रिश्ता मजबूत रहा”
पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ सांसद कपिल सिब्बल ने भी धनखड़ के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
> “मैं आशा करता हूं कि वे स्वस्थ रहें और दीर्घायु हों। हमारे राजनीतिक विचारों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर हमारा रिश्ता बहुत मजबूत था। जब भी मुझे सदन में बोलने के लिए समय चाहिए होता था, मैं उनके कक्ष में जाता था, और उन्होंने मुझे कभी मना नहीं किया।”
एक शांत विदाई, लेकिन गूंजते शब्द
धनखड़ का यह अचानक लिया गया फैसला राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर गया। संसद में उनकी मौन विदाई, बिना किसी शोर-शराबे के, एक मर्यादित और गरिमामयी नेतृत्व की छवि छोड़ गई।
अब सवाल यह है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? राजनीतिक हलकों में संभावित नामों की चर्चा शुरू हो गई है, लेकिन एक बात साफ है –उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की विदाई भावनात्मक और प्रभावशाली रही है।




























